बायो डी-कम्पोजर के शानदार नतीजों से इस बार किसान भाई भी उत्साहित हैं। पूसा इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर इस साल दिल्ली की लगभग 4000 एकड़ जमीन पर इसका छिड़काव कराएंगे ताकि किसानों को पराली ना जलानी पड़े।
नजफ़गढ़ स्थित केंद्र पर बायो डी-कम्पोजर घोल बनने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है।